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कामरूप, হিন্দী কবিতা, मालव्य दास

 कामरूप




जहाँ मिलते है असंख्य कहानी
जहाँ की कणों में बिखरे हैं
कईं  ऐतिहासिक निशानी ...

माँ कामाख्या की पावन भूमि
अनेक गाथाओं की स्रोत
कामरूप ...

रहस्यों से भरपूर यह भूखंड
संतों ने जिसकी बिरासत को संभाला
ब्रह्मपुत्र का आशीर्वाद
जिनको है मिला ...

खेत खलिहान , पहाड़ों से सदैव
शस्य-श्यामला प्रागज्योतिषपुर 
जन जन तक सजीव
अखंड अमर कामरूप ...



मालव्य दास
हिंदी शिक्षक
छमरीया हाईस्कूल
शिक्षा खंड : छमरीया

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