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कोविड-19 के दौरान असम की सरकारी स्कूलों के अनलाइन शिक्षा

कोविड-19 के दौरान असम की सरकारी स्कूलों के अनलाइन शिक्षा



गतिशील समय में जनजीवन तथा समाज जीवन को पुरी तरह से स्तब्ध कर देनेवाली शक्ति का नाम है कोविड -19 या कोरोना महामारी | इस महामारी के दौरान बाढ़ से जूझ रहे असम में शैक्षणिक कैलेंडर को आगे बढ़ा दिए जाने की कौशीश जारी हैं | बच्चें स्कूल नहीं जा पा रहे हैं तो  चुनौतियां के बावजूद आनलाईन के जरिए शिक्षा देने की प्रयास जारी है | आनलाइन शिक्षा से अपने स्थान पर ही इंटरनेट व अन्य संचार उपकरणों की सहायता से शिक्षा प्राप्त होता हैं, जिसमें मोबाइल आधारित लर्निंग या कम्पूटर आधारित लर्निंग, वर्चुअल क्लासरूम, वेब आधारित लर्निंग इत्यादि शामिल हैं | कोरोना संकट के दौरान विद्यार्थियों से जुड़ने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के आगे आनलाइन एक स्वाभाविक विकल्प है | 

निर्देशानुसार सभी जिलें में वाट्सएप ग्रुप बनाकर शिक्षकों ने विद्यार्थियों को जुड़  रहे हैं तथा जोड़ने की प्रयास में हैं | उन्हें ग्रृह कार्य भी वाटस्एप ग्रुप में भेजे जा रहे हैं | समय समय पर  जुम एप तथा गुगोल मिट के जरिए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को इस समय से मुकाबला करने के लिए तथा विद्यार्थियों को और किस तरह से हम जुड़ सकते हैं, इसी विषयों में प्रशिक्षण दे रहें है | कुछ जिले ने आनलाइन कुइज, गीत, नृत्य आदि प्रतियोगीता के जरिए भी बच्चों के मानसिकता को आनन्ददायक करने की प्रयास कर रहें हैं | इसके अलावा कुछ जिले जैसे कामरूप जिला ने आनलाइन मुल्यांकन करके सफल रहे | राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने चौहत्तरवीं स्वाधीनता दिवस् के अवसर पर विद्यार्थियों के बीच में विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित किए थे | वर्चुअल पाठदान में  जनप्रिय DIKSHA, BISWA VIDYA ASSAM(असम सरकार के शिक्षा विभाग का) का व्यवहार हो रहें हैं | दुरदर्शन जैसे 'ज्ञान वृक्ष',स्वयंप्रभा टि.वि.,प्रतिदिन टाइम के जरिए भी शिक्षण चल रहैं हैं |
                         आनलाइन क्लास तथा पढ़ाई चल रही हैं | बड़े-महगें, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए इसमें ज्यादा समस्या नहीं हैं | लेकिन असम की सरकारी स्कूल में  100 में से सिर्फ 5 से 20 बच्चों के पास स्मार्टफोन की सुविधा है |  उनमें से कभी ऐसा भी हुआ है  कि लाॅकडाउन में मा-बाप के रोजगार बंद हो जाने के कारण बहुत दिनों तक वे उसे रिचार्ज नहीं कर सके | बहुत गरीब अभिभावकों के पास मोबाइल तो नहीं, ए्से में किसी ने पड़ोसी तो किसी ने रिश्तेदारों के नंबर एड करवा दिए | जिन पर बच्चों को गृहकार्य भेजा जाता तो कोई तो उसे रिसीब कर लेता तो कोई नहीं कर पाता|
कई जगहों पर तो मोबाइल नेटवर्क भी बड़ी मुश्किल से आते हैं | इन कारणों में  बहुत से शिक्षकों ने भी ढिलाई बतरना शुरू कर दी हैं | ऐसे में आनलाइन एजुकेशन चुनौंतीपूर्ण साबित हो रही है | इसके साथ साथ हम ये भी देखते है कि कुछ पुरानी सोच के शिक्षक नया सीखने में हिचकते हैं परन्तु समय के आह्वान में वे  सीखने वालों में शामिल हैं  |
                 कोरोना अप्रत्याशित था | अचानक इसके कारण शिक्षा प्रभावित हुई और बहुत नुकसान हुआ |आॅनलाइन शिक्षा की ओर हम बढ़े, लेकिन उस पद्धति के अधिक जानकार नहीं थे | इसी कारण दिक्कतें आईं लेकिन प्रशिक्षण आदि प्राप्त करके हमकों आगे बढ़ना है ताकि  पढा़ई और प्रभावित न हो | इसके लिए बिजली, इंटरनेट और कम से कम एक मोबाइल हर विद्यार्थी की पहुंच जरूरी हैं जहाँ सरकार से लेकर इंटरनेट प्रदाता कंपनियों तक हाथ से हाथ मिलाकर काम करना पड़ेगा | 

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                              मनबीनी दास, 
                              घटनगर मघ्य इंराजी विद्यालय
                              छयगाॅव शिक्षाखडं

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