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कलाम साहब और शिक्षा | Hindi Article by Arup Sarma

कलाम साहब और शिक्षा  Hindi Article by Arup Sarma

कलाम साहब और शिक्षा

भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म ११ नवंबर १८८८ को हुआ था। वे एक महान राष्ट्रवादी तथा गांधीवादी विचार धारा से प्रेरित नेता थे। आंदोलन के दौरान वे कई बार जेल भी जा चुके थे।

पंडित दार्शनिक कलाम साहब परिपक्व राजनेता के साथ कुशल प्रशासक रहते हुए अपने आप में एक अनुष्ठान के हैसियत से २२ फरवरी १९५८ तक देश सेवा करते रहे। वे पारसी, अरबी और ऊर्दु के प्रमुख विद्वान थे। उन्होंने पूर्वी तथा पश्चिमी दर्शन पर काफी रुचि दिखाई और ज्ञान बढ़ाये।

उनका मानना था कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा हर शिशु को दी जानी चाहिए। इसी विषय पर कलाम साहब की अमित छाप हल ही में प्रस्तुत राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० पर देखा गया। वे पूरे देश भर में एकीकृत शिक्षा पद्धति पर भी ध्यान दीये थे। उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा पर बल्कि १४ साल की आयु तक सभी बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के साथ- साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की भी काफी वकालत किये थे। शिक्षा एवं शिक्षा से जुड़े सम्पूर्ण व्यवस्था पर बड़े योगदान के कारण तथा उन्हीं की स्मरण में ११ नवंबर २००८ से हमारे देश में ११ नवंबर को हर वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।      

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                                                          अरूप शर्मा, हिंदी शिक्षक, 

                                         त्रीवेणी मध्य अंग्रेजी विद्यालय करारा शिक्षा खंड

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