लॉकडाउन में स्कूल की यादें
सुबह-सुबह जाते थे स्कूल
खुशी से भर जाते थे मन,
खेलते थे लुका-छुपी दोस्तों के साथ
लॉकडाउन ने तोड़ दी मिलने का हाथ ।
प्यार से पढ़ाते थे गुरूजी हमें
समझ नहीं पाते तो और समझाते,
अच्छे-अच्छे बातें करते
कभी-कभी नयी कहानी सुनाते ।
परीक्षा आने से लगता है डर
गुरूजी कहते-डरना मत
लगन से पढ़ो, आयेगा सबकुछ वापस।
आज कोरोना के कारण
हम हैं स्कूल से दूर
फिर भी याद आती बार-बार
मुझे मेरी प्यारी स्कूल.....।
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मौचुमी राभा
सप्तम् श्रेणी
छयगाँव सरकारी मजलीया विद्यालय
অলংকৰণ :- সংগীতা কাকতি
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