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राह से कभी न हटना | Hindi poem by Mukut Kalita

राह से कभी न हटना


पीठ पर अक्षरों  की दुनिया

समाये हुए जा रहे हो

हुनर को जगा कर

ज्ञान की रोशनी डालने...

 

उम्मीदों की किरण से

भर लेना अपना मन

भक्ति की राह पर चलकर

शक्ति को प्राप्त कर लेना |

 

ज्ञान की शक्ति से अपना परिचय देना

संकट की घड़ी पर धीरज खोना

मंजिल बहुत दूर देखकर घबराना

कदम कदम चढ़कर ही एवरेस्ट छू लेना |

 

देश की नई किरण बनना

दिल छोटा मत करना

सच्चा राही बनकर आगे बढ़ना

राह से कभी हटना

राह से कभी हटना | 

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मुकुट
कलिता 

हिंदी शिक्षक 

दमरंग बरजुली  एम स्कूल



অলংকৰণ :- সংগীতা কাকতি

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