नारी है न्यारी
तू ही शक्ति
तू ही भक्ति
गोदी में जो तेरी दुनिया बसती |
तू ही चाहत
तू ही ताकत
तू ही तो दुनिया की तकदीर है |
तू ही सृष्टि
तू ही विनाश
तू रूठी तो दुनिया रूठी
तू हँसी तो दुनिया हँसी |
तेरी महिमा है निराली
ईश्वर भी जिसे समझ न पाई
तू है नारी
सबसे न्यारी
तेरी उन्नति ही
देश की तरक्की है,
इसलिए तो धरती को भी
धरती माता कहती है |
धरती माता को सम्मान करो
अपना मान शान बढ़ाओ |
मुकुट कलिता
दमरंग बरजुली एम ई स्कूल
बोको ब्लॉक, कामरूप, असम
चित्रण : पुबाली शइकीया दास
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