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गुड़िया । Hindi Poem by Malabya Das

 ---गुड़िया---


नन्ही सी गुड़िया

घर में आयीं

आँगन महकने लगी ।


खिलखिलाती, मुस्कुराती

सबको बहलाती परी

दंतुरित मुस्कान से

मन को विश्राम देती ।


घूटनों के बल चक्कर लगाती

न थकती, न रुकती

बिखरी सी जिंदगी में

नव जीवन लायी

नन्हीं सी गुड़िया

घर में आयीं ।।

मालव्य दास
लेखक का पता:

मालव्य दास

हिंदी शिक्षक,

छमरीया हाईस्कूल ।

शिक्षा खंड : छमरीया, कामरूप ।

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