होली
आई होली, आई होली,
तैयार हो गई बच्चों की टोली ।
छोड़ो लड़ाई, छोड़ो झगड़ा,
आज बने हम सब हमजोली ।
माँ बनाए गुजिया और मठरी,
दादी खोले पुरानी गठरी ।
ये है त्योहार अजब निराला,
पहने कपड़े फटा पुराना ।
अबीर गुलाल और गुब्बारे,
आज हमें कोई न पुकारे ।
हमें आज न रोको-टोको,
छोड़ेंगे हम नहीं किसी को ।
बुढ़े-बड़े या छोटे बच्चें,
रंगीन बने सब अच्छे-अच्छे ।
छुप कर बैठी बच्चों की टोली,
बुरा न मानो आज है होली ।
सहकारी शिक्षयित्री
आनन्द हिन्दी एम. ई. स्कूल
शिक्षाखण्ड : कररा, कामरूप
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