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होली | Hindi Poem by Sweta Jhuria

 होली


आई होली, आई होली,
तैयार हो गई बच्चों की टोली ।
छोड़ो लड़ाई, छोड़ो झगड़ा,
आज बने हम सब हमजोली । 
माँ बनाए गुजिया और मठरी, 
दादी खोले पुरानी गठरी । 
ये है त्योहार अजब निराला, 
पहने कपड़े फटा पुराना । 
अबीर गुलाल और गुब्बारे, 
आज हमें कोई न पुकारे । 
हमें आज न रोको-टोको, 
छोड़ेंगे हम नहीं किसी को । 
बुढ़े-बड़े या छोटे बच्चें, 
रंगीन बने सब अच्छे-अच्छे । 
छुप कर बैठी बच्चों की टोली, 
बुरा न मानो आज है होली । 

श्वेता झुरिया
लेखक का पता:
श्वेता झुरिया
सहकारी शिक्षयित्री
आनन्द हिन्दी एम. ई. स्कूल 
शिक्षाखण्ड : कररा, कामरूप

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