बांसुरी
श्याम तेरा थे बांसुरी
मधुर मुरलीया गाती ...
ग्वाल बाल सब संग तेरे
ऐसे नाच नचाती है ...
यूँ लगता है वृन्दावन में
सब मिलकर रास रचाते है ,
सारी गोपियाँ तेरे मुरली पे
मतवाली हो जाती है ,
मोहन-मोहन कहते
तेरे पीछे आती है ...
सांझ सवेरे चारों पहर
तेरे ही गुण गाती है ,
मेरे बांसुरी वाले तेरे पीछे दुनिया मतवाली है ...
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