एक था राजकुमार
सबसे बेहतर...
धीरे धीरे वो राजकुमार बन गया
सुरों का सम्राट
प्यार बढ़ने लगा
क्योंकि राजकुमार था
सबके दिलों का राजा
प्यार, साहस, आत्मविश्वास
था बुलंदियों पर
छू लिया सबका दिल
दुखीयारा का सहारा ,
एक ही पल में कर
लिया था अपना सबको
सभी जीव जंतुओं के ऊपर
बरसाता था प्रेम का सराबोर...
ज्ञान का सागर, मातृप्रेम, देशप्रेम
क्या नहीं था उनके अंदर ।
जो गाने में बोलता था
वास्तव में वही कर दिखाता ।
पर निष्ठुर नियति ने
एक दिन उसे अपने
पास बुला लिया
कैसे सहन पाए ये दु:ख
वो लोग जिनका
एकमात्र सहारा था
वो राजकुमार ।
लाखों लोग अंतिम विदाई में आकर उस राजकुमार
के गीतों का वाणी
मायाविनी गाकर फुट-फुट कर रो पड़ी
कल्कि युग के भगवान स्वरूप,
सभी का मार्गदर्शक
एक अन्यतम श्रेष्ठ राजकुमार से कर्म के जरिए हुआ यह राजा
सदा के लिए सभी के दिलों में
अमर था, अमर है, अमर रहेंगे ।।
हिंदी शिक्षिका
सत्रपरा आइडियल हाईस्कूल
शिक्षाखंड : रामपूर


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